05 अप्रैल 2013

इंसान नहीं भूत परोसते हैं भोजन

आपको ऐसे रेस्‍त्रां की सैर कराने जा रहे हैं, जिसमें प्रवेश करने के बाद लोग थर-थर कांपने लगते हैं। ऐसा माहौल जिसमें डर लगना तो पक्‍का है, क्‍योंकि इस रेस्‍त्रां में इंसान नहीं भूत भोजन परोसते हैं और भोजन लाशों के बीच में होता है। चौंकिये नहीं, असल में हम बात कर रहे हैं दुनिया के अजब गजब रेस्‍त्रां में शामिल स्‍पेन के ला मासिया एंकांटडा की।
इस रेस्‍त्रां का कॉनसेप्‍ट असल में इसके इतिहास से प्रेरित है। इतिहास- 17वीं सेंचुरी में जोसफ मा रिएस ने मासिया और सुरोका ने मासिया सेंटा रोज़ा बनवाया। लेकिन आगे चलकर संपत्ति पर पारिवारिक विवाद हो गया। एक दिन सुरोका और रिएस ने कार्ड उछाल कर अपनी किसमत तय की। रिएस सारी संपत्ति हार गये। उनके परिवार ने घर छोड़ दिया और परिवार ने नई संपत्ति खड़ी की। देखते ही देखते यह इमारत खंडहर में तब्‍दील हो गई।
दो सदियों तक वीरान पड़ी रही इमारत में सुरोका के वंशजों ने 1970 में एक रेस्‍त्रां बनाया। उनका परिवार  मानता था कि इस इमारत को कोई शाप लग गया है, लिहाजा वहीं से उनके दिमाग में बात आयी कि क्‍यों न रेस्‍त्रां को हॉन्‍टेड रेस्‍त्रां के रूप में चलाया जाये। बस तब से लेकर आज तक ये रेस्‍त्रां हॉन्‍टेड रेस्‍त्रां के रूप में चल रहा है।
और भी हैं अजब-गजब रेस्‍त्रां यहां पर भूतों के वेश में वेटर भोजन परोस्‍ते हैं और भोजन का समय निर्धारित है। निर्धारित समय पर जब ग्राहक पहुंचते हैं, तो उनका स्‍वागत खून से सने चाकू, तलवार या हसिये से किया जाता है। आगे बढ़ते ही पंजा, या नकली लाशें जो देखने में एकदम असली हैं, लटकी मिलती हैं। भोजन करते वक्‍त ग्राहकों के लिये एक शो का संचालन किया जाता है, जिसे देखना हर किसी के बस की बात नहीं। 
इस रेस्‍त्रां की कुछ महत्‍वपूर्ण बातें 
 रेस्‍त्रां में तीन घंटे का भोजन
रेस्‍त्रां में एक शो तीन घंटे का होता है यानी आपका भोजन भी तीन घंटे तक चलता है। इसमें तरह-तरह के भूत-प्रेत के वेश में लोग आपका मनोरंजन करने के साथ-साथ कुछ अलग परोसने की कोशिश करते हैं, जिनसे आप निश्चित रूप से डर जायेंगे
दिल के मरीज व प्रगनेंट महिलाएं नहीं
इस रेस्‍त्रां में दिल के मरीजों, अस्‍थमा के मरीजों और प्रेगनेंट महिलाओं को भोजन करना मना है, क्‍योंकि डर के कारण दिल व अस्‍थमा के मरीजों की तबियत बिगड़ सकती है, वहीं गर्भ के अंदर बच्‍चे पर बुरा असर पड़ सकता है। साथ ही विकलांगों का प्रवेश भी वर्जित है।
14 साल से नीचे का प्रवेश प्रतिबंधित
इस रेस्‍त्रां में 14 साल से नीचे के बच्‍चों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। ऐसा इसलिये क्‍योंकि हॉरर शो से वो डर सकते हैं।
ग्राहक भी शो का हिस्‍सा
खास बात यह  है कि इस हॉरर शो में ग्राहक महज मूक दर्शक बनकर  नहीं बैठ सकता। वो दुख भी डरावनी कहानियों का हिस्‍सा बन जाते हैं, जिस वजह से डर तो लाजमी है।
जादूगर का जादू
डराने के लिये जरूरी है, कि कुछ ऐसा हो, जो विस्‍मयकारी लगे, लिहाजा यहां जादूगर का जादू भी प्रस्‍तुत किया जाता है, जो पूरी तरह हॉन्‍टेड होता है।
प्रवेश करते ही शुरू होता है शो
इस रेस्‍त्रां में बुकिंग करते वक्‍त ही आपको समय दे दिया जाता है। खास बात यह है कि जैसे ही आप रेस्‍त्रां में प्रवेश करेंगे, वैसे ही शो शुरू हो जायेगा जो डराने के लिये काफी है। रेस्‍त्रां में मोबाइल लेजाना मना है।
रेस्‍त्रां में 60 सीटें
रेस्‍त्रां में कुल 60 सीटें हैं, लेकिन शो तभी आयोजित किया जाता है, जब कम से कम 35 लोग डिनर या लंच करने आयें। रेस्‍त्रां में प्रवेश बुकिंग के आधार पर ही दिया जाता है। रेस्‍त्रां की टेबल-चेयर व इंटीरियर इस तरह बनाया गया है, जैसे कोई भूतों का अड्डा हो।
भूतों के वेश में वेटर
यहां पर भूतों के वेश में वेटर भोजन परोस्‍ते हैं और भोजन का समय निर्धारित है। निर्धारित समय पर जब ग्राहक पहुंचते हैं, तो उनका स्‍वागत खून से सने चाकू, तलवार या हसिये से किया जाता है।
लाशों के बीच भोजन
आगे बढ़ते ही पंजा, या नकली लाशें जो देखने में एकदम असली हैं, लटकी मिलती हैं। भोजन करते वक्‍त ग्राहकों के लिये एक शो का संचालन किया जाता है, जिसे देखना हर किसी के बस की बात नहीं। 
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'भूतों-प्रेतों की अनोखी अदालत'


आर्डर, आर्डर, आर्डर...  मनोज वल्द लाल्ता प्रसाद निवासी मदनपट्टी हाजिर होssssss। अमरेश हाजिर होssssss। सीता हाजिर होssssss। यह अदृश्य पुकार मीरजापुर जनपद में मीरजापुर-सोनभद्र मार्ग पर स्थित बीएचयू दक्षिणी परिसर के पास बलहरा ग्राम स्थित मोहन बरम बाबा के धाम में आते ही इंसान झुमने लगते हैं। यह आवाज़ नवरात्र में लगातार गूंजती रहती है। जी हां, यहां लगती भूतों की अदालत लगती है। ऐसा माना जाता है कि
बरम बाबा की अदालत में हाजिरी लगाने के लिए आने वालों को न्याय जरुर मिलता है। पुजारी पंडित राम नारायण दुबे ने बताया कि प्राचीन समय से लोग चौरी पर आते हैं। खुद राहत महसूस करते हैं। दूसरे पुजारी रमाकांत बताते हैं कि बाबा के दर पर हाजिरी लगाते ही शुरू हो जाती है भूतों की अदालत। इसमें तमाम
जनपदों से लोग आते हैं। उनके साथ आते है भूत, जो बाबा की चौरी के पास पहुंचते ही खेलने लगते हैं। पुजारी रमाकांत बताते हैं कि मामूली भूत तो बाबा की अदालत में आने के बाद मामूली फटकार से ही कान पकड़कर उठक बैठक कर भाग जाते हैं।
पंडित राम नारायण दुबे बताते हैं कि इन्सान के साथ रहकर शातिर बन चुके भूतों को कठोर दंड दिया जाता है। चौरी के पास बने कुण्ड में भूतों को बाबा के दंडाधिकारी सबक सिखाते है। जब तक वह तौबा नही कर लेता उसको इस कदर सबक सिखाया जाता है कि उसे अंतत: भागना ही पड़ता है।
सियालदह से आये केल्टू घोष ने बताया की मेरी बहन को मानसिक बीमारी है काफी इलाज कराया ठीक नहीं हुई इसलिए इस बार इस दरबार में आया हु बड़ा नाम सुना था इलाज के बाद हो कुछ बता पाउँगा।
बिहार से आये विमल यादव बताते हैं कि उनकी पत्नी को रह-रह कर दौरा पड़ता है। लोगों ने यहाँ के बारे में बताया है की नवरात्र में मेला लगता है तो अपनी पत्नी को लेकर आया हूं।
बिहार से आये विमल यादव बताते हैं कि उनकी पत्नी को रह-रह कर दौरा पड़ता है। लोगों ने यहाँ के बारे में बताया है की नवरात्र में मेला लगता है तो अपनी पत्नी को लेकर आया हूं।
यही नहीं बलिया से आयी मुन्नी देवी को इतना विश्वास है कि उनकी बेटी एक साल पहले यहाँ आई थी नवरात्र में अब वो बहुत हद तक ठीक हो गयी है। उसके ऊपर का प्रेत भाग गया है। अदालत में पुराने जटिल मामलों का त्वरित निस्तारण किये जाने से फरियादियों की तादात में नवरात्र में जबरदस्त इजाफा हो रहा है।
सूचना क्रांति के दौर में लोग भले ही अन्तरिक्ष चाँद सितारों पर घर बसाने की सोच रहे हों, लेकिन अन्धविश्वाश अभी भी पीछा नहीं छोड़ रहा है। आज भी भूतों की अदालत लगती है जहां हर नवरात्र में आने के बाद कई लोग राहत महसूस करते है। समाज का एक तबका रोगो से लड़ने में अपने आप को हताश पाकर इस अदालत से राहत महसूस करता है।
बीएचयू के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा संजय गुप्ता ने बताया कि मैंने ऐसे जगहों पर दौरा किया है दरसल हमारा विज्ञान गांवों तक नहीं पंहुचा है जिसका नतीजा है कि लोग ऐसे कल्चर पर विस्वास करते है।  डा संजय के मुताबिक, ऐसे स्थित में ये लोग बीमारी को प्रेत समझते हैं और निदान ऐसे जगहों पर ढूंढते है।
ऐसे में मरीज का माइन्ड सेट हो जाता है वो इन जगहों पर पहुंचते ही खेलने लगते हैं। बॉडी इतना मूवमेंट करती है कि थक कर गिर जाते हैं। लोग समझते हैं कि दुष्ट आत्मा निकल गयी। ऐसे जगहों पर रिसर्च की जरुरत है जहा ऐसे लोग इकठ्ठा होते है। इस तरह की बिमारियों की साइकोसिस कहते हैं।
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02 अप्रैल 2013

रूहों और पिशाचों का निवास

भूत-प्रेत में विश्वास ना करने वालों के लिए ये खबर चौंकाने वाली हो सकती है। आपने प्रेतआत्माओं के बारे में सुना ही होगा। इनके बसेरों के बारे में भी सुना होगा या फिल्मों में देखा
होगा। वैसे तो दुनिया में रहस्य और डर से जुड़ी घटनाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन यहां हम आपको दुनिया की ऐसी खौफनाक जगहों पर ले जाने वाले हैं जो किसी फिल्मी कहानियों से एकदम अलग बिल्कुल सच के करीब है। इनकी सच्चाई जानेंगे तो आपकी रूह तक कांप जाएंगी, असल में ये जगहें रूहों और पिशाचों का निवास स्थान हैं। कमजोर दिल वालें, कृपया इसे ना पढ़े..
बेरी पोमेरॉय का महल (टॉटनेस)
इस महल से जुड़ी कई कहावतें और कहानियां लोगों में प्रचलित है। इसका संबंध 14वीं सदी से माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां दो बहुत लोकप्रिय महिलाओं, सफेद औरत और नीली औरत की आत्मा घूमती है। सफेद औरत का नाम मार्ग्रेट पोमेरॉय बताया जाता है। कहा जाता है कि मार्ग्रेट की बहन उससे बहुत इर्ष्या करती थी। इसी इर्ष्या के कारण एक दिन उसने मार्ग्रेट को कैद कर दिया। कैद और भूख के कारण मार्ग्रेट की वहीं मौत हो गई।
वहीं नीली औरत कौन है यह अभी तक एक रहस्य है। अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया है कि वह कौन है। लेकिन कहा जाता है कि जो भी इंसान उस नीली औरत के पीछे जाता है, वह कभी लौटकर वापस नहीं आया।
एडिनबर्ग का महल (स्कॉटलैंड)
प्राचीनकाल के इस महल के बारे में प्रचलित कहानियां भी बेहद भयानक हैं। देखने में यह महल बहुत खूबसूरत और आकर्षक है लेकिन इस सुंदरता के बीच मर चुके लोगों की खौफनाक डरावनी आवाजें और चीखें आती रहती हैं। कहा जाता है कि प्लेग और अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के समय मरे लोगों की आत्माएं यहां घूमती रहती हैं। कई लोगों क मानना है कि यहां कुत्तों की आत्माएं भी भटकती रहती हैं।
डोमिनिकन हिल (फिलिपींस)
इस भूतिया जगह पर दरवाजों को जोर-जोर से खटखटाने की खौफनाक आवाजें सुनाई देती हैं। बर्तनों को तोड़ना और अजीब तरह से चिल्लाने की आवाजें भी सुनाई देती रहती हैं जो यहां आत्माओं की पुष्टि करता है।
यहां के बारे में लोगों का मानना है कि युद्ध के समय कई लोग यहां मारे गए थे, उनकी आत्माएं यहां घूमती रहती हैं। कहा जाता है कि वे घायल सैनिक या मरीज जो युद्ध में घायल होने के बाद जीना चाहते थे लेकिन उनकी दर्दनाक मौत हो गई, वह आज भी इस जगह पर भटकते रहते हैं।
मोंट क्रिस्टो (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलिया का यह स्थान बेहद खतरनाक माना जाता है। लोगों का मानना है कि यहां एक महिला की आत्मा भटकती रहती है। पति के मृत्यु के बाद मिसेज क्रॉली नामक यह महिला 23 साल में सिर्फ दो ही बार अपने घर से बाहर निकली। इस भूतनी के बारे में कहा जा है कि आज यह अपने घर में किसी को भी घुसने नहीं देती है। खासकर अपने कमरे में वह हमेशा अपनी मौजूदगी दर्ज करवाती रहती है।
कुछ लोगों का इस बारे में कहना है कि जैसे ही वह जैसे ही उस कमरे में गए उनकी सांस अपने आप बंद होने लगी। लेकिन कमरे से बाहर आने पर उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक हो गया। लाइट का अपने आप जलना और बंद हो जाना इस मकान की एक और खास निशानी है।
एनशेंट रैम इन (इंगलैंड)
कब्रिस्तान के ऊपर बनी यह इमारत, कहा जाता है कि पूरी तरह आत्माओं के कब्जे में है। यहां हमेशा ही अजीब सी आवाजें सुनाई देती रहती हैं। इस घर में भयानक बदबू के साथ-साथ असाधारण वस्तुएं भी मिलती रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां हत्याएं होती थीं और बच्चों की भी बलि दी जाती थी।
हाइगेट सिमिट्री (लंदन)
यह स्थान लंदन का सबसे कुख्यात भूतहा जगह है। कहा जाता है कि यहां सर कटी आत्माएं घूमती हैं। वैसे, यह एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक जगह है। लेकिन शाम ढ़लते ही यहां दूर दूर तक कोई नजर नहीं आता। यहां आने वाले लोग इसकी कलाकारी के भी कायल हो जाते हैं। इस जगह की खासियत यह भी है कि दुनिया को अर्थशास्त्र का ज्ञान देने वाले महान विचारक कार्ल मार्क्स को भी यहीं दफनाया गया था।
ओहिओ यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
अमेरिका के ओहिओ यूनिवर्सिटी के ज्यादातर परिसर हांटेड माने जाते हैं। ब्रिटिश सोसाइटी फॉर फिजिकल रिसर्च का कहना है कि ओहिओ यूनिवर्सिटी दुनिया के सबसे हॉरर जगहों में से एक है। यहां के बार में कहा जाता है कि यहां का विल्सन हॉल एक लड़की, जिसे सब चुड़ैल मानते थे, के कारण बहुत प्रसिद्ध हुआ। वह लड़की अपने खून से इस हॉल की दीवारों पर असाधारण और रहस्यमयी कहानियां लिखने के बाद मर गई।
वहीं वॉशिंगटन हॉल के विषय में ऐसा माना जाता है कि यहां उन खिलाड़ियों की आत्माएं घूमती हैं जो एक हादसे में मारे गए थे। कभी-कभी लोगों को यहां बास्केटबॉल खेलने आवाजें भी सुनाई देती हैं।
स्क्रीमिंग टनल (ओंटारियो)
स्क्रीमिंग टनल का रहस्य नियाग्रा फॉल्स(जलप्रपात) से संबंधित सभी कहानियों में सबसे ज्यादा भयानक मानी जाती है। यह टनल नियाग्रा फॉल्स को टोरंटो से जोड़ती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस टनल में एक जलती हुई लड़की की आत्मा भटकती रहती है। कहा जाता है कि रात के समय वह इस टनल में बैठती है और माचिस से खुद को जलाकर पूरी रात चिल्लाती है।